Sunday 6 December 2015

घर खरीदने से पहले किन चीजों का रखना होगा ध्यान

अगर आप घर खरीदना चाहतें है तो सबसे पहले प्लानिंग की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। अगर आप थोड़ी बहुत जांच-पड़ताल के बाद कोई सौदा कर रहें है तो कोई जरूरी नही है कि आपकी डील फ़ायदें की साबित हो। अगर थोड़ा सी चूक हुई तो सौदा महंगा पड़ सकता है। तो इसके लिए आपको एक जिम्मेदार व समझदार खरीददार बनने की आवश्यकता है। तो इसके लिए आपको एक यथोचित प्रक्रिया से गुजरना होता है।
डेवलपर या बिल्डर से मिलने से पहले कुछ बातें समझना जरूरी है. पहले तो जिस जगह घर लेने की सोच रहे हैं उस इलाके की कीमतों को सबसे पहले समझें. इसमें यह ध्यान रखें कि आप किस तरह के प्रोजेक्ट में घर ले रहे हैं. उदाहरण के लिए एक ही इलाके में ग्रुप हाउसिंग और बिल्डर फ्लैट की कीमतें अलग-अलग होती हैं. अगर ग्रुप हाउसिंग में घर ले रहे हैं, तो उस प्रोजेक्ट की सभी यूनिटों के रेट्स ले लें. फिर उनकी तुलना करें। 
आप जिस भी प्रोजेक्ट में घर ख्ररीद रहे हों, उसमें उपलब्ध सुविधाओं पर भी ध्यान से नजर दौड़ाएं. साथ ही प्रॉपर्टी के डाउन पेमेंट, उसकी कुल कीमत, अचानक होने वाले खर्च, कार पार्किग चार्ज, स्टांप डयूटी और रजिस्ट्रेशन आदि के खर्चो को भी समझ लें। 
अगर प्रॉपर्टी बुक करा रहे हों, तो ये तय कर लें कि तय समय पर जो रकम देनी हो, वही देनी पड़े. इसमें घटत-बढ़त न हो। 
प्रॉपर्टी की खरीदारी में बैंक लोन की भूमिका अहम है. इसलिए कर्ज लेने से पहले बैंकों की ब्याज दरों की तुलना कर लेनी चाहिए. जो बैंक सस्ता लोन दे रहा हो, उसी से लोन लेने की कोशिश करें. कर्ज के लिए बैंक से संपर्क करते समय एक पत्र तैयार करें जिसमें आप अपनी जरूरत की राशि और उसके लिए हर महीने देने वाले किश्त का जिक्र जरूर करें। साथ ही महीने की आमदनी और आपको कितने सालों के लिए कर्ज चाहिए इसका भी ब्योरा रखें. अगर आपने इसका हिसाब लगा लिया, तो आपको कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने में समस्या नहीं आएगी क्योंकि तब आपको पता होगा कि खर्च कितना आएगा और महीने की किश्त कितनी देनी है. इससे आपकी जटिलताएं कम हो जाएंगी। 
मकान खरीदने से पहले प्रॉपर्टी के बारे में कुछ बुनियादी और अहम जानकारियां जरूर पता कर लें. जैसे बिल्डर को संबंधित प्राधिकरण से मंजूरी मिली है या नहीं, जमीन की रजिस्ट्री हुई है या नहीं आदि। 
इसके लिए आसान तरीका यह है कि आप होम लोन लें क्योंकि बैंकों और उनके डीएसए (डाइरेक्ट सेलिंग एजेंट) का बिल्डरों से समझौता होता है और वे कागजात की छानबीन कर आपकी समस्या का समाधान कर देंगे. प्रॉपर्टी के दस्तावेजों के साथ-साथ उसके प्लान और लेआउट को भी समझना जरूरी है. घर खरीदते समय, खास कर अगर यह निर्माणाधीन है तो दीवार की गुणवत्ता, ईंट का काम, फिनिशिंग, बिजली का काम आदि पर ध्यान देना चाहिए. इससे आपको एक आइडिया लग जाएगा कि कैसा काम हो रहा है।
डीलर या कंपनी का भरोसेमंद होना भी जरूरी है. आप जिस भी कंपनी या डीलर से बात कर रहे हों, वो भरोसेमंद होना चाहिए. किसी धोखे से बचने के लिए डीलर या कंपनी के बारे में भी ठीक से जानकारी जुटा लें. कई बार डीलरों और कंपनियों के बार में लोग ठीक से जानकारी हासिल नहीं करतें है इससे उनको समस्याओं से जूझना पड़ता है।घर खरीदने से पहले उसकी लोकेशन पर ध्यान देना बेहद जरूरी है. उस इलाके का इन्फ्रास्ट्रक्चर, बस अड्डे, रेलवे स्टेशन, स्कूल, हॉस्पिटल, बाजार और अपने ऑफिस की कनेक्टिविटी के बारे में सोच लें. इसके अलावा आज मॉल और मनोरंजन के दूसरे स्थल भी काफी मायने रखते हैं. इसलिए इन चीजों पर विशेष रूप से ध्यान रखने की आवश्यकता है।
प्रॉपर्टी की कीमत इन सबके आधार पर तय होती होती है. इसलिए इन सब पर ठीक से जानकारी जुटा लें. घर जिस जगह आप प्रॉपर्टी खरीदने जा रहे हैं, वहां की भविष्य कैसा रहेगा. इस पर भी ध्यान देना चाहिए. मान लीजिए जिस जगह आप मकान खरीद रहे हैं, वहां अगले दो साल में मेट्रो निकलनी हो, तो जाहिर है वहां की कीमत बढ़ेगी. ऐसे में वहां निवेश करना फायदेमंद साबित हो सकता है. अगर आप इन बातों पर गौर करेंगे तो बहुत सी परेशानियों से अपने-आप ही बच सकते हैं । 

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