Tuesday 8 September 2015

लखनऊ में कहाँ और क्यों निवेश करें

लखनऊ एक ऐसा उभरता हुआ शहर है जो रीयल एस्टेट के क्षेत्र में निवेशकों को सबसे ज्यादा आकर्षित कर रहा है, क्योकि यह शहर अभी भी काफी सस्ता, बेहतर व अनुकूल जगहों में से एक गिना जा रहा है। यह एक ट्रेंड के तौर पर देखा जा सकता है कि आखिर लखनऊ में निवेशक कहाँ और क्यूँ निवेश करना चाहिए और साथ ही साथ उन्हें किन-किन चीजों में सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
सरकार द्वारा शहर के चौमुखी विकास की कई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं ने लखनऊ में निवेशकों को सबसे ज्यादा आकर्षित किया है, जिसमें मेट्रो रेल नेटवर्क, स्मार्ट सिटी, एक्सप्रेसवे व शहरी यातायात की बेहतर सुविधा मुख्य रूप से महत्वपूर्ण है।
किसी आम निवेशक के लिए लखनऊ का रीयल एस्टेट बाजार को समझ पाना काफी मुश्किल काम है। इसलिए बहुत सारे निवेशकों को कई सारी महत्वपूर्ण सूचनाओं से अवगत नही रहते है। सो इसके लिए निवेशकों को इस बात की पूरी तैयारी रखनी चाहिए कि वह शहर के किस इलाके में निवेश करने जा रहे हैं।
अगर आप निवेशक है और आवासीय भूखण्ड या फिर आवासीय फ्लैट में निवेश करना चाहतें हैं तो आपको कुछ निम्न चीजों पर विशेष रूप से ध्यान रखने की आवश्यकता है।
लखनऊ में अभी बहुत सारे ऐसे इलाके है, जो पूरी तरह से अभी भी विकसित नही है। फिर भी सूचना व प्रौद्योगिकी की क्रान्ति ने लोगों को रीयल एस्टेट मार्केट के बारे में काफी कुछ जानकारी उपलबद्ध कारवाई है जोकि अपने आप में अभी भी आधी-अधूरी है। जिसकी वजह से इन अपूर्ण विकिसित इलाकों में, कई बिल्डर्स व कन्स्ट्रकशन कंपनियों ने सरकारी अधिकारियों व प्राधिकरण की जानकारी में होने के बावजूद, इन क्षेत्रों का अवैध लेआउट प्लान करके थोक के भाव में बेचा गया है। जिसे उदाहरण के तौर पर शहर के अखबारों में इस तरह की घटनाओं के बारे में अक्सर जानकारी मिल जाती है। इसलिए अगर आप जागरूक निवेशक है और आप आवासीय भूखण्ड या व्यावसायिक भूमि पर निवेश करना चाहतें हैं तो सबसे पहले आप किसी तरह की सौदा करने से पूर्व या उससे संबंधित कागजात पर हस्ताक्षर करने से पहले, उस जमीन से संबन्धित दस्तावेज़ का भौतिक सत्यापन जरूर करवा लेनी चाहिए।
दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर प्रापर्टी की कीमत बाज़ार कीमत से कम में मिल रही है तो खरीददार या निवेशक को क्या करना चाहिए। यह मानी हुई बात है कि अगर कोई प्रापर्टी, बाजार मूल्य से कम में मिल रही है तो वह उस प्रॉपर्टी में जरूर कोई न कोई समस्या होगी या फिर किसी मजबूरीवश बेची जा रही होगी। लखनऊ में कई अन्य शहरों की तरह, कई ऐसे इलाके है जहां बुनियादी सुविधाओं को लेकर आज भी चुनौती बनी हुई है। जहां आज भी बिजली, पानी व सीवेरेज़ सिस्टम मुख्य समस्या के रूप में मौजूद है।
जहां बिजली के पुराने जर्जर खंभे में कटिया कनैक्शन व ट्रान्स्फ़ोर्मर में अत्यधिक लोड होने से आए दिन दुर्घटनायेँ होती रहती है, इन इलाकों में कब बिजली रहे और कब चली जाये कोई भरोसा नही है। इन इलाकों में सड़कों की हालत काफी बुरी स्थिति में है, अवैध पार्किंग से शहरी यातायात की सुविधा बेहतर न होने के कारण आए दिन जाम लगता रहता है। अगर मूलभूत सुविधा की बात करें तो सबसे बड़ी समस्या है पानी की। कई ऐसे इलाके हैं जहां पानी का स्तर काफी नीचे चला गया है या फिर वहाँ पर उचित तरीके से पानी की सप्लाई नही हो पा रही है। जहां पर भी बोरिंग बेल के माध्यम से पानी की सप्लाई की जा रही है या तो वहाँ पर जहरीले रसायन जैसे की फ्लुराइड व नाइट्रेट की काफी मात्रा में मौजूदगी दर्ज की गयी है। यह एक तथ्य के रूप में मानी हुई बात है कि लखनऊ के कुछ ऐसी जगह हैं जहां रहना स्वास्थ्य के लिए बिलकुल ठीक नही है। इसलिए ऐसे इलाकों में प्रॉपर्टी की कीमतें अन्य कई इलाकों से काफी कम है और बाजार भाव से इनकी कीमतों में भारी अंतर आपको देखने को मिल सकता है।
लखनऊ में रीयल एस्टेट के क्षेत्र में अपनी लगातार बेहतर उपस्थित दर्ज कराने वाली कंपनी भूमिटेक ड्वलपर्स  प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े हुए लोगों से बात करने पर पता चलता है कि शहर में बहुत सारी प्रापर्टी ब्रोकर्स बेहतर इनफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर आवासीय भूखंड व फ्लैट बेचने वालों की एक लंबी कतार है। अगर आप शहर के किसी भी इलाके में रीयल एस्टेट के क्षेत्र में निवेश करना चाहतें है तो आपको नगर निगम व प्राधिकरण के अधिकारियों के द्वारा तैयार किए गए मास्टर प्लान को जरूर ध्यान देना चाहिए। इस बात का भी जरूर ध्यान रखना चाहिए कि अगर उन इलाकों में भौतिक बुनियादी ढांचे के निर्माण कार्य किसी तरह की देरी हो रही हैं तो आपको अपने निवेश करने के प्लान को आपको बदल देना चाहिए। फिर प्रापर्टी लेने में उन्हीं इलाकों का चयन करना चाहिए जहां पर सरकार के तरफ से इस तरह का निर्माण कार्य चल रहा हो।
सामान्य रूप से यह देखा गया है कि बहुत सारे निवेशक मुख्य रूप से निर्माणाधीन परियोजनाओं में निवेश करना बेहतर समझते है क्योकि जो प्रोजेक्ट पहले से बनकर तैयार है और जो निर्माणाधीन हैं, दोनों की कीमतों में काफी अंतर देखा गया है। लेकिन कभी-कभी निर्माणाधीन परियोजनाओं को पूरा होने में काफी वक़्त लग जाता है या किन्हीं कारणों अनिश्चितकालीन समय तक देरी होती है।
अगर आप निवेशक हैं इस तरह की प्रापर्टी में निवेश करने का फैसला कर लिया है तो आपको इस तरह के परियोजनाओं की गहरी समीक्षा करनी चाहिए। आपको सबसे पहले डवलपर्स का बैकग्राउंड पता करना चाहिए किसी इस तरह के प्रोजेक्ट को उसने कभी पहले मैनेज किया है या नही या फिर करने के बाद किस तरह का रिस्पांस मिला।
इसके लिए आपको उससे संबंधित दस्तावेजों की जांच के लिए डवलपर्स के आफ़िस जरूर जाना चाहिए। इसके अलावा निवेशकों को कई छोटी-छोटी मगर महत्वपूर्ण चीजों की जानकारी जरूर रखनी चाहिए, तभी आप एक बेहतर निवेशक के तौर पर अपने भविष्य का बेहतर निर्माण कर सकेंगे।
  

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